क्यों लगा दाग?

केवल एक दिन की बात नहीं
हम सदियों से सताये गये
हमेशा ऊंच नीच जाति-पाति
के फंदों मे फँसाये गये
जिसने भी
सर उठाने की कोशिश की
ओ मारे गये, पीटे गये
और जिन्दगी भर रूलाये गये ।
मेरे इस दामन को
ज़रा गौर से देखो यारो
इसमे भी छुआ छूत के
दाग लगाये गये
ये मैं नही कहता
सब लोग जानते हैं
कि
जिनका हो गया बेजान जिस्म
ओ नफ़रत के आग से ही
जलाये गये ।
अगर जलना ही चाहते हो
तो समाज का दीपक बनो
कुछ रोशनी होगी
समाज आगे बढेगा ।
हमें पाप पुण्य की
दरिया मे कुदाया गया
हमेशा स्वर्ग-नर्क का
पाठ पढ़ाया गया
ये मै नहीं कहता
ओ लोग कहते है!
कि गंगा मे नहाने से
पाप धुल जाते हैं!
तो फ़िर क्यों?
छुआ छूत का
दाग लगाया गया ।
-: रचयिता :-

एम.ए (समाज शास्त्र, शिक्षा शास्त्र) एवं बी.एड.
सहायक अध्यापक- बुद्ध हायर सेकण्डरी स्कूल वजीरगंज जिला- गोण्डा उ .प्र.
पता- ग्राम-अशोक पुर टिकिया, पोस्ट- अचलपुर, जिला- गोण्डा, पिन- 271124
मोबाइल नंबर: 9919060170
दाग तो फिर भी धुल जाएँ, पर मन के मैल का क्या ?
जिसने या भेदभाव बनाया.